Tuesday, August 12, 2008

इंतज़ार


"इंतज़ार"

अब भी उनके ख़त का हमें इंतज़ार रहता है,
अब भी दिल उनके लिए बेकरार रहता है
उनके कहने पर भी की उनको हम से नफरत है,
हम को न जाने क्यूँ उनसे ही प्यार रहता है

16 comments:

Nitish Raj said...

प्यार की इस कशमकश पर बहुत बढ़िया लिखा आपने।

समयचक्र said...

बहुत बढ़िया .

Shiv said...

अद्भुत!

36solutions said...

सुन्‍दर पंक्तियां, चार पंक्तियों में इंतजार को दिल में उतार लिया आपने ।


धन्‍यवाद ।

नीरज गोस्वामी said...

बहुत प्यारी रचना...सीमा जी.
नीरज

admin said...

खूबसूरत कता है।

vipinkizindagi said...

अति सुंदर।

कुश said...

kam shabdo mein gahri baat.. bahut badhiya rahi ye post bhi..

seema gupta said...

" Thanks to all my valuable readers for their presence on my blog and encouragement"

Regards

राजीव रंजन प्रसाद said...

गंभीर घाव करने वाली रचना...


***राजीव रंजन प्रसाद

शोभा said...

बहुत सुन्दर लिखा है। बधाई स्वीकारें।

Anil Pusadkar said...

chhu liya dil ko

योगेन्द्र मौदगिल said...

वाह वाह सीमा जी
मौन आह सीमा जी
प्यार-व्यार इश्क-विश्क
मन अथाह सीमा जी

Udan Tashtari said...

बहुत सुन्दर.बधाई.

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर अभिव्यक्ति -सुंदर शब्द रचना समय निकाल कर इस तरफ भी नजर करें :http://manoria.blog.co.in and http://manoria.blogspot.com
धन्यबाद

makrand said...

deep thoughts
walking in the blue
cool breeze tantalising the heart

good job done