Wednesday, September 9, 2009

"आज"








"आज"
जैसे कुछ दिल बदल गया हो आज,
यार ख़ुद से बहल गया हो आज,

तुम अगर सुन नही रहे हो बात,
मेरा दिल क्यूँ मचल गया हो आज ?

क्या पता खत लिख नही पाता,
या नई चाल चल गया हो आज,

क्यूँ ये मौसम भी खुशगवार नही,
हवा का रुख बदल गया हो आज !

एक नशा था उतर नही पाता,
तेरे रुख से संभल गया हो आज,

क्यूँ ये मुझ से ही हो नहीं पाता,
कोई दिल से निकल गया हो आज !

तुम को चाहा है तुम से प्यार किया,
प्यार सदियों का मिल गया हो आज,

मालिकुल्मौत आए गर दानी,
मौत का वक्त टल गया हो आज
!


http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/S/SeemaGupta/aaj.htm

(http://www.sahityakunj.net/index.htm)