Saturday, August 9, 2008

आवारा

"आवारा"

मायूसियां थीं मेरे दिल में,
एक उदासी की तरह ,
जुस्तुजू में मैं तेरी,
होने लगा आवारा ;
चारा गर बन के,
तेरे प्यार ने हिम्मत बांधी,
राहबर हो के सियाह रात में,
तू ही है चमकता तारा ;
अब तेरी चाह में,
दिन रात रहा करता हूँ,
पहले यूँ रहा करता था
अब यूँ रहता हूँ आवारा

17 comments:

'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

Seemaji ,

Beutiful, wonderful,................LEKHNI and DEKHNI both ................hats off to u . ..what a tremenous creativity you have...............

............aap ki taareef kin shabdon mein karoon............i am speechless..................



'shubhchintak'

बालकिशन said...

बहुत उम्दा....
बेहतरीन.....
कायल हो गया हूँ.

Anil Pusadkar said...

rahbar ho kr tu siyah, raat me tu hai taara. sunder

Nitish Raj said...

एक उदासी की तरह
जुस्तुजू में मैं तेरी
होने लगा आवारा
वाह क्या खूब, सुंदर...अति उत्तम।।।।

rajesh said...

awraa kyun na hota bechara
justju jo thi us maayus ko

नीरज गोस्वामी said...

जिस खूबसूरती से आप अपनी रचना सुनाती हैं वो सिर्फ़ और सिर्फ़ आप के बस की ही बात है...एक के बाद एक..झरने सी कल कल तरह बहती हुई रचनाएँ हमें भिगो देती हैं बहा ले जाती हैं अपने साथ एहसास की वादियों में...
नीरज

vipinkizindagi said...

बेहतरीन रचना के लिए शब्द नही...

मोहन वशिष्‍ठ said...

मेरे पास तो शब्‍द ही नहीं हे बस यही कहूंगा कि बेहतरीन रचना के लिए बधाई

शोभा said...

बहुत बढ़िया लिखा है। बधाई स्वीकारें।

36solutions said...

आपकी कलम नें बेहतरीन शब्‍दों और भावों को पिरोया है ।

हमें आपसे ऐसे ही बेहतरीन रचनाओं की अपेक्षा रहेगी । लिखती रहें .........

सचिन मिश्रा said...

bahut khub

डॉ .अनुराग said...

bahut khoob.....justu me mai teri hone laga.....
ye bahut achha laga.....

योगेन्द्र मौदगिल said...

क्या बात है.. सीमा जी..
मैं अभिभूत हूं, आपके क़लाम से..
कमाल...............
बहुत बढ़िया..............
सच मानियेगा मुझे शब्द नहीं सूझ रहे....

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा.

Harshad Jangla said...

Seemaji

Very nice poem.
Plz likhti rahiye.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

Advocate Rashmi saurana said...

सीमा जी आप इतने विचारों के साथ नित नई नई रचनाये कैसे कर लेती है. आप और भी सुंदर लिखे इसके लिए मेरी शुभकामनायें.

Mukesh Garg said...

beutiful very nice har bar ki trha ek or kuhb surat rachna .

firse dher saari badhiya