"मेरे पास"
रूह बेचैन है यूँ अब भी सनम मेरे पास,
तू अभी दूर है बस एक ही ग़म मेरे पास
रात दिन दिल से ये आवाज़ निकलती है के सुन
आ भी जा के है वक्त भी कम मेरे पास
तू जो आ जाए तो आ जाए मेरे दिल को करार,
दूर मुझसे है तू दुनिया के सितम मेरे पास
दिल में है मेरे उदासी, के है दुनिया में
कहकहे गूँज रहे आँख है नम मेरे पास"
तू अभी दूर है बस एक ही ग़म मेरे पास
रात दिन दिल से ये आवाज़ निकलती है के सुन
आ भी जा के है वक्त भी कम मेरे पास
तू जो आ जाए तो आ जाए मेरे दिल को करार,
दूर मुझसे है तू दुनिया के सितम मेरे पास
दिल में है मेरे उदासी, के है दुनिया में
कहकहे गूँज रहे आँख है नम मेरे पास"
18 comments:
रूह बेचैन है यूँ अब भी सनम मेरे पास,
तू अभी दूर है बस एक ही ग़म मेरे पास
vaah... shabdo ko kitni khoobsurati se piroya gaya hai..
nam ankho aur udaasi liye
milan ki aas
kam vakt kambakht bhi
beech me aur vo nahi paas
achchaa chitr hai
photo men kheench deta hun
bechain roohon ki awaz
sun vo aa bhi jaayegaa
door hogi kya tab udaasi
kal dekhen chaahe aaj
bahut khoob.....
रूह बेचैन है यूँ अब भी सनम मेरे पास,
तू अभी दूर है बस एक ही ग़म मेरे पास
behatarin......
हर दम की तरह सुंदर रचना
bhut hi gahare bhav ke sath rachana ki hai. ati uttam.
दिल में है मेरे उदासी, के है दुनिया में
कहकहे गूँज रहे आँख है नम मेरे पास"
सीमा जी आप कब से इतने दुःख भरे गीत लिखने लगीं...खिलखिलाती ज़िन्दगी के गीत लिखिए....फ़िर भी बहुत खूब लिखा है आपने....दर्द के एहसास को जीती हुई रचना.
नीरज
yeh ghum hota hi bhari hai, ..............firaaq ka ghum, judai ka ghum,mehboob ke paas na honay ka ghum.Iska kya ilaaj ho siwa iske ki mehboob se mulakaat ho jaaye...."too jo aa jaaye meray dil ko qaraar aa jaaye"............udasi door ho jaayegi, aankhon mein ghum ke aansoo naheen hongay ..phir duniya hum per naheen hum duniya per hunseinge qaheqahey lagayenge...............too jo aajaaye sanam mere paas!
...............is bhavuk aur bhav poorn kavita ke liye badhayee sweekar karen.............."Sakhi"
तू जो आ जाए तो आ जाए मेरे दिल को करार,
दूर मुझसे है तू दुनिया के सितम मेरे पास
bahut sunder likha hai...
सुंदर रचना!!बहुत खूब !!
बहुत दिनों बाद आपकी रचनाओं को पढकर बहुत ही अच्छा लगा
दिल के करीब दर्द होला
मेरे करीब साया होला
दुख दर्द का मेरे साथ होला
तेरी कविता मेरी होला
बहुत खूब बधाई हो
अति सुन्दर
बहुत ही सुन्दर ओर मन भावन,आप की कविताये मन को छु गई
धन्यवाद
दिल में है मेरे उदासी, के है दुनिया में
कहकहे गूँज रहे आँख है नम मेरे पास"
beutifully written
रूह बेचैन है यूँ अब भी सनम मेरे पास,
तू अभी दूर है बस एक ही ग़म मेरे पास
रात दिन दिल से ये आवाज़ निकलती है के सुन
आ भी जा के है वक्त भी कम मेरे पास
तू जो आ जाए तो आ जाए मेरे दिल को करार,
दूर मुझसे है तू दुनिया के सितम मेरे पास
दिल में है मेरे उदासी, के है दुनिया में
कहकहे गूँज रहे आँख है नम मेरे पास"
har line har lavz apni hi kahani bayan kar raha hai,
realy i tooo goooodddddddddd
very very nice
isko bi 1st no. diye jate hai
dher sari badhiya
सुन्दरतम रचना ! बधाई और शुभकामनाएं !
तुमको कैसे बताएं
"हमको लगता था सब हार गये,
लेकिन "तुम" आयीं जीवन में,
" हम सब बोझा तार गये
सीमा जी,
आपकी कलम से शब्द निकल कर जब खिलते हैं। तो, हर शब्द बोलने लगते है।
अपनी खुशबू बिखरने लगते है। मानो बागों में बहार आ गई हो - शम्भु चौधरी
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