Thursday, August 7, 2008

सुखमय प्यार

"सुखमय प्यार "


कब से तुझे निहार रहा हूँ ,

चंचल सुंदर मुख मंडल ,

अपने से मैं हार रहा हूँ .....

यह वो ही तो दिन है

जब मैने मांग भरी तुम्हारी ,

गजरा ये सुख की बेला

मैं तब से तुम्हें पुकार रहा हूँ ,

आ जाओ अब चैन नहीं है

सुख देता दिन रैन नही है ,

जीवन सफल करो तुम आ कर

कह दूँगा साकार रहा हूँ ,

मैं तेरा जन्म जन्म का प्रेमी

तेरा सुखमय प्यार रहा हूँ ..."

17 comments:

Anil Pusadkar said...

sukh deta din rain nahi hai.. achhi rachna hai

Nitish Raj said...

फि्र उन्हीं शब्दों को लिख रहा हूं
बढ़िया रचना
मैं तब से तुम्हें पुकार रहा हूं
आ जाओ अब चैन नहीं है
सुख देता दिन रैन नहीं है....
सुंदर...अति उत्तम।।।।।

Dr. Ravi Srivastava said...

taare raat mein jagmagate hain
subha ko jane kaha woh gum ho jate hain
andhere mein asman ka rang woh dekhte hain
neeli chadar par woh sare timtimate hain.
...nice feeling.

Anonymous said...

Wow, this is what we call the mood-maker .Bahut sunder likha he, Seema Ji

Aur uss sundarta me chaaar chand lagayein he aapki Image ne!!

Anonymous said...

Very very nice poem ...aise hi likhte raho hamesha.....

Arun Arora said...

कब से तुम्हे निहार रहा ह.
सूर्य मुखी सा ये मुख मंडल
देख देख कर हार रहा हू
भुले नही भुला रहा है वो दिन
जो था मुझ पर सबसे भारी
कहने मे जब घर वलो के
मैने भरी थी मांग तुम्हारी
जुल्फ़े जैसे सर्प कुंडली
देख देख कर काप रहा हू
हाथी जैसी काया तेरी
दब कर मै चित्कार रहा हू
मुझे बचालो मुझे बचालो
पडोसियो को पुकार रहा हू.
:)

बालकिशन said...

अद्भुत लिखा है आपने.
बहुत ही उम्दा.
======================
@ पंगेबाज
यंहा भी पंगेबाजी?

seema gupta said...

"Arun jee मेरी ये पोएम पुरी तो अब हुई है , जब आपने कुछ अपने लफ्जों से इसको नवाजा है " बहुत बहुत शुक्रिया ... यूँही हमारी अधूरी पोएम्स को plssssssssssssssss complete करते रहें "
Regards

Birds Watching Group said...

bhai majaa aaya comments me aaj

vipinkizindagi said...

seema ji bahut achchi....
bahut sundar....
behatarin rachna hai...

राजीव रंजन प्रसाद said...

बेहद प्र्क़शंसनीय रचना सीमा जी, बधाई स्वीकारें..


***राजीव रंजन प्रसाद

अमिताभ मीत said...

बहुत सुंदर है. बधाई.

शोभा said...

बहुत सुन्दर लिखा है।

Udan Tashtari said...

अति उत्तम...बहुत सुंदर! बधाई!

मोहन वशिष्‍ठ said...

अति उत्‍तम रचना है सीमा जी बहुत ही अच्‍छी लगी दिल को छू लेने वाली रचना बहुत बहुत धन्‍यवाद के साथ बधाई हो आपको

रंजू भाटिया said...

सुंदर है आपके लिखे यह लफ्ज़

Advocate Rashmi saurana said...

kya likhti hai aap. wonderful.