


"प्यार बेशुमार लिखूं"
अपने खामोश तकल्लुम मैं ये इज़हार लिखूं,
हर जगह तेरे ही एक नाम की तकरार लिखूं...
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
बेकरारी भरे दिल का तू ही है करार लिखूं,
अपनी इन तेज बदहवास धड़कनों की रफ़्तार लिखूं...
आज लाया हूँ तुझे दिल का ये उपहार लिखूं,
हाँ मिलन के है अब बहुत जल्द ये आसार लिखूं....
तेरी नज़रों ने जो उठाया है वो खुमार लिखूं ,
अपने हर लफ्ज़ से तुझे प्यार बेशुमार लिखूं...
14 comments:
तेरी नज़रों ने जो उठाया है वो खुमार लिखूं ,
अपने हर लफ्ज़ से तुझे प्यार बेशुमार लिखूं...
Dil Khush Ho Gaya ise padhkar
Behetreeeeeen he ye wali.
Shukriya aapne hame ise padhne ka awsar diya..
Take Sweetest Care Of Your,
--Amit Verma
wah seema ji , har line mein apna hi majahain .......maan gaye....
Rakesh Verma
subhanallah......
bhut badhya. sundar.
आज लाया हूँ तुझे दिल का ये उपहार लिखूं,
हाँ मिलन के है अब बहुत जल्द ये आसार लिखूं....
bahot badhiya...
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
तेरी नज़रों ने जो उठाया है वो खुमार लिखूं ,
अपने हर लफ्ज़ से तुझे प्यार बेशुमार लिखूं...
--वाह!! बहुत खूब!!!
बहुत सुन्दर रचना है और उससे भी सुंदर ले आउट। बधाई हो बधाई।
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
एक हरकत भी कलम की हो तुझे प्यार लिखूं,
प्यार तू एक लिखे मैं तुझे सो बार लिखूं....
बहुत बढ़िया लिखा है आपने...एक दम दिल से...
मैंने आप को अपने ब्लॉग पर निमंत्रित किया था खोपोली के बारे में जानकारी के लिए...आप का स्वागत है.
नीरज
Seema ji bahot hi gehrai he aapki kalam me....umda likha he aapne...is par comment kya likuh?
nice one ji...
आपकी रचना और प्रस्तुति बहुत अच्छी है । बधाई
दीपक भारतदीप
bahut sundar
तेरे लफ्जों से अपने दिल का इज़हार लिखूं,
शुकून तुझे मिले और खुद को गुनेहगार लिखूं.
अनुपम रचना
bahut kuhb seema ji isi baat par "2" line aapke naam
kya likhu kya na likhu ,
apni har gazal main tera naam likhu
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