"तेरी चाहत"
तेरी हर अदा पे मुझे बस प्यार आता है,
जब मेरे साथ तू होती है करार आता है..
तेरी आँखें है सनम, या के हैं जाम-ऐ-शराब,
तेरी आँखें है सनम, या के हैं जाम-ऐ-शराब,
तेरी नज़रों को मैं देखूं तो खुमार आता है..
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
अपनी बांहों में लिए तुझ को चला जाता हूँ..
तुझसे मिलने पे जो आजाए जुदाई का ख़याल,
तुझसे मिलने पे जो आजाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है..
तेरी चाहत की मेरे दिल में है हद कितनी,
तेरी चाहत की मेरे दिल में है हद कितनी,
32 comments:
बहुत सुंदर, बधाई!
बहुत ख़ूब...
atleast u diverte your mind in this way. and it's nice to see you in this phase of life.
i think it's really nice thougt n show a lovely picture in my mind. thanks.
Rakesh Kaushik
बहुत सुंदर. अच्छा लगा,
seema ji excellent blog and excellent writing, u r so full of life, love to see more such writers
बहुत खूब हमेशा की तरह
तेरी आँखें है सनम, या के हैं जाम-ऐ-शराब,
तेरी नज़रों को मैं देखूं तो खुमार आता है...
बहुत खूब ...क्या बात है.
नीरज
हमेशा की तरह " सत्यम शिवम् सुन्दरम " आपजैसे लेखक बहुत कम हैं ! बधाई !
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
अपनी बांहों में लिए तुझ को चला जाता हूँ ...
तुझ से मिलने पे जो आ जाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है...
kya baat hai. ati uttam.
बहुत बढिया!
तुझ से मिलने पे जो आ जाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है...
बहुत सुंदर लगी यह रचना भी आपकी
खूबसूरत गजल
तुम मेरे साथ रहो बस्ती में तन्हाई में, तुम मेरे साथ चलो दर्द की गहराई मे
the way you expressed the desire to being worship to each other
mindblowing
keep it up
regards
तुम मेरे साथ रहो बस्ती में तन्हाई में, तुम मेरे साथ चलो दर्द की गहराई मे
the way you expressed the desire to being worship to each other
mindblowing
keep it up
regards
तेरी नज़रों को मैं देखूं तो खुमार आता है...
खुमार
ye asal khumaari ..........
unpredictable?
सहज सरल जाने पहचाने लफ्जों में ही गहरी अनुभूति की बातें -----आपकी शायरी परिभाषित !
Bahut khub.
अति सुन्दरतम ! शुभकामनाएं !
बेहतरीन रचना ! बहुत बधाई आपको !
क्या बात हे आप ने तो हमे पुराने दिन याद दिला दिये, इतने सुन्दर सुन्दर शेर लिख कर,
धन्यवाद
सादर नमस्कार!
कृपया निमंत्रण स्वीकारें व मेरे ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी अमूल्य टिप्पणी हेतु प्रतीक्षारत है।
तुझसे मिलने पे जो आजाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है..............
सीमा जी,एक बहुत ही सुन्दर सा गीत लिख दिया है आपने ,गुनगुनाने के काबिल है औरों को सुनाने के काबिल है,आपका ये गीत तो दिल लगाने के काबिल है
क्या बात है सीमा जी बहुत ख़ूब लिखी है रचना आपने। अपनी बाहों में िलए तुझ को चला जाता हूं
तुझसे मिलने पे जो आजाए जुदाई का ख़याल
बहुत ख़ूब।
तू मेरे सामने है, ख्वाब हो , बेदारी हो,
अपनी बांहों में लिए तुझ को चला जाता हूँ..
झूल-झूल जाता मम मानस-नयन बीच,
विविध विनोदमय वह मोद चित्र है,
बात कल की, और आज कुछ और ही है,
विधि का विधान ऐसा ही विचित्र है ।
पं.मुकुटधर पाण्डेय (छायावाद के प्रर्वतक)
'Thanks a lot to all valuable readers for your presence n preceious words' Regards
तुझसे मिलने पे जो आजाए जुदाई का ख़याल,
दिल में तूफ़ान सा उठता ही चला जाता है..।
बहुतप्यारा शेर है, बधाई।
तेरी चाहत की मेरे दिल में है हद कितनी,
कहाँ ग़ज़लों में या अल्फाज़ में कह पाता हूँ ..
बहुत ही उम्दा....!
अच्छी कविता...........
वाह.. वाह.. सीमा जी..
शुभकामनाएं...
तेरी हर अदा पे मुझे बस प्यार आता है,
जब मेरे साथ तू होती है करार आता है..
बहुत खूबसूरत और दिलकश पंक्तियॉं हैं। बधाई।
मजा आ गया मैम......बहुत ही सुंदर शब्द संयोजन और हमारी हौसलाअफ़जाई का भी शुक्रिया
Great gazal.
तेरी हर अदा पे मुझे बस प्यार आता है,
जब मेरे साथ तू होती है करार आता है..
bahut hi acchi lines likhi hai seema ji.
badhiyan
Post a Comment