Saturday, September 6, 2008

तुम्हारी याद है





"तुम्हारी याद है"


एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
दूसरी जानिब ये दुनिया है कोई बरबाद है,
तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है .
वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,
तुम को गुज़रे वक्त याद आते रहे,
तुम से मिल कर भी तो दिल नाशाद है ......
दर्द-ओ-गम की ताब जो न ला सके,
वो कहाँ दिल को कहीं बहला सके,
पास आकर भी तुम्हें ना पा सके,
इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है..............

http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_2505.html

26 comments:

Rakesh Kaushik said...

it's trimendous.


mindblowing,

i think jo dard main mehsush kar rha hu usko aapke shabdo ka jama mil gya

जितेन्द़ भगत said...

सुंदर अभि‍व्‍यक्‍ति‍।

'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

premalingan karti ye rachna, virah ka put,chtrankan se sajeev hotay huay chan,...................kin shabdon se aapki sunder abhivyakti ko sarahaa jaaye samajh nahee aata................

"dard-o-ghum ki taab jo naa laa sake
wo kahan dil ko kaheen bahla sake"


prashansa ke liye shabd nahen mil rahe..............

श्रीकांत पाराशर said...

Ek taraf tum ho, tumhari yaad hai. Seemaji, bhavon ki atisundar abhivyakti.

Anonymous said...

इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है .......

nice expressions

Shiv said...

बहुत खूबसूरत....

Anil Pusadkar said...

sunder hamesha ki tarah

Anonymous said...

achcha laga,sundar hai

डॉ .अनुराग said...

तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है .
वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,


bahut khoob........

रंजन (Ranjan) said...

सुन्दर

दीपक "तिवारी साहब" said...

एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है..............

अति सुंदर !

ताऊ रामपुरिया said...

इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है..............

शब्दों की बुनावट देखने ही आपके ब्लॉग तक
आता हूँ ! और सोचता हु की ईश्वर ने काश , ये
हुनर हमें भी दिया होता तो कितने कागज़ कलम
शहीद होने से बच गए होते ? :)

हमको तो आपकी रचना की तारीफ़ के लिए भी
रचना से ज्यादा शब्द लगते हैं ! बहुत सुंदर और
भावों की अभिव्यक्ति सबसे सुंदर ! शुभकामनाएं !

seema gupta said...

Thanks to all valuable readers for their preceious thoughts, comments and suggestion"

Regards

Udan Tashtari said...

सुन्दर--वाह!!


----------------

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-समीर लाल
-उड़न तश्तरी

राज भाटिय़ा said...

अति सुन्दर.
धन्यवाद

Vinaykant Joshi said...

bahut khub !!!
acche bhav
saadr,
vinay

अभिन्न said...

एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
...............
.......

वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,
.........
............


बहुत ही भावपूर्ण रचना है बधाई हो .

vipinkizindagi said...

behatarin.....

siddheshwar singh said...

अच्छी रचना
थोड़ा कहना अधिक समझना
बढिया!

betuki@bloger.com said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति

Unknown said...

अति सुंदर.

admin said...

"एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
दूसरी जानिब ये दुनिया है कोई बरबाद है,
तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है"

रूमानी जज्बातों की खूबसूरत अभिव्यक्ति।
-जाकिर अली रजनीश

admin said...

मन को छू जाने वाली रचना। बधाई।

Anonymous said...

बहूत ही अच्छी अभिव्यक्ति है

प्रदीप मानोरिया said...

उम्मीद मुहब्बत प्यार सनम,

क्या सबकुछ है व्यापार सनम???

यह विरह गीत रोना धोना,

जीवन के सुख पर वार सनम
आती है तेरी याद सनम
करती है दिल बरबाद सनम
खोया रहता तुझमें हरदम
कैसा यह चढ़ा बुखार सनम
फुर्सत हो तो मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें स्वागत है

Mukesh Garg said...

एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,

bahut kuhb seema ji,