"तुम्हारी याद है"
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
दूसरी जानिब ये दुनिया है कोई बरबाद है,
तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है .
वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,
तुम को गुज़रे वक्त याद आते रहे,
तुम से मिल कर भी तो दिल नाशाद है ......
दर्द-ओ-गम की ताब जो न ला सके,
वो कहाँ दिल को कहीं बहला सके,
पास आकर भी तुम्हें ना पा सके,
इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_2505.html
26 comments:
it's trimendous.
mindblowing,
i think jo dard main mehsush kar rha hu usko aapke shabdo ka jama mil gya
सुंदर अभिव्यक्ति।
premalingan karti ye rachna, virah ka put,chtrankan se sajeev hotay huay chan,...................kin shabdon se aapki sunder abhivyakti ko sarahaa jaaye samajh nahee aata................
"dard-o-ghum ki taab jo naa laa sake
wo kahan dil ko kaheen bahla sake"
prashansa ke liye shabd nahen mil rahe..............
Ek taraf tum ho, tumhari yaad hai. Seemaji, bhavon ki atisundar abhivyakti.
इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है .......
nice expressions
बहुत खूबसूरत....
sunder hamesha ki tarah
achcha laga,sundar hai
तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है .
वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,
bahut khoob........
सुन्दर
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है..............
अति सुंदर !
इश्क में तेरे ये दिल बर्बाद है.......
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है..............
शब्दों की बुनावट देखने ही आपके ब्लॉग तक
आता हूँ ! और सोचता हु की ईश्वर ने काश , ये
हुनर हमें भी दिया होता तो कितने कागज़ कलम
शहीद होने से बच गए होते ? :)
हमको तो आपकी रचना की तारीफ़ के लिए भी
रचना से ज्यादा शब्द लगते हैं ! बहुत सुंदर और
भावों की अभिव्यक्ति सबसे सुंदर ! शुभकामनाएं !
Thanks to all valuable readers for their preceious thoughts, comments and suggestion"
Regards
सुन्दर--वाह!!
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निवेदन
आप लिखते हैं, अपने ब्लॉग पर छापते हैं. आप चाहते हैं लोग आपको पढ़ें और आपको बतायें कि उनकी प्रतिक्रिया क्या है.
ऐसा ही सब चाहते हैं.
कृप्या दूसरों को पढ़ने और टिप्पणी कर अपनी प्रतिक्रिया देने में संकोच न करें.
हिन्दी चिट्ठाकारी को सुदृण बनाने एवं उसके प्रसार-प्रचार के लिए यह कदम अति महत्वपूर्ण है, इसमें अपना भरसक योगदान करें.
-समीर लाल
-उड़न तश्तरी
अति सुन्दर.
धन्यवाद
bahut khub !!!
acche bhav
saadr,
vinay
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
...............
.......
वस्ल के लम्हों में भी तनहा रहे,
.........
............
बहुत ही भावपूर्ण रचना है बधाई हो .
behatarin.....
अच्छी रचना
थोड़ा कहना अधिक समझना
बढिया!
बहुत अच्छी प्रस्तुति
अति सुंदर.
"एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
दूसरी जानिब ये दुनिया है कोई बरबाद है,
तीसरी जानिब कोई मासूम सी फरियाद है"
रूमानी जज्बातों की खूबसूरत अभिव्यक्ति।
-जाकिर अली रजनीश
मन को छू जाने वाली रचना। बधाई।
बहूत ही अच्छी अभिव्यक्ति है
उम्मीद मुहब्बत प्यार सनम,
क्या सबकुछ है व्यापार सनम???
यह विरह गीत रोना धोना,
जीवन के सुख पर वार सनम
आती है तेरी याद सनम
करती है दिल बरबाद सनम
खोया रहता तुझमें हरदम
कैसा यह चढ़ा बुखार सनम
फुर्सत हो तो मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दें स्वागत है
एक तरफ़ तुम हो तुम्हारी याद है,
bahut kuhb seema ji,
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