Tuesday, November 1, 2011

"अय्याम ने"












"अय्याम ने"



मैं यहाँ बेचैन हूँ तुम वहाँ बेताब हो,


किस जगह लाकर मिलाया है हमें अय्याम ने...


हों कई ऐसे भी जो रहते रहे हो इस तरह,

और रुबाई हो लिखी कोई उमर खय्याम ने...


रात भर जागा किए हैं तेरी यादों के तुफैल,
कितने ख्वाबों को बुना है इस दिले नाकाम ने...


तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...


याद करने को नहीं आता है दिल दुःख के वह दिन,
और क्यों तमको नहीं लिखा है मेरे नाम ने....


फिर भि फरमाइश किया है उसको मेरी जान ने,
और किया बदनाम दानी को है उसके काम ने...


अब तड़पता दिल है दानी का बहुत उसके लिये,
कह रहा है तुमसे आ जाओ अचानक मेरे सामने...



14 comments:

डॉ .अनुराग said...

फिर भि फरमाइश किया है उसको मेरी जान ने,
और किया बदनाम दानी को है उसके काम ने...

अब तड़पता दिल है दानी का बहुत उसके लिये,
कह रहा है तुमसे आ जाओ अचानक मेरे सामने...

achha hai.....

नीरज गोस्वामी said...

तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...
बहुत कमाल की ग़ज़ल पेश की है आपने...हर शेर खूबसूरती लिए हुए है...
नीरज

'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

Seema ji,

"daani lekhni kitna bhav pravaahit kartee hai
pal pal man utsaahit ek naadaani si bharti hai
shabd chayan sundar sukh bhavan ek aavahan karti hai
jeevan daani prem kahani kaghaz par se ubharti hai".........................................apne shabdon mein prshansa ki koshish kee hai.............qubool farmaiyay

अभिन्न said...

रात भर जागा किए हैं तेरी यादों के तुफैल,
कितने ख्वाबों को बुना है इस दिले नाकाम ने...
beutifully written.good work

Shiv said...

अब तड़पता दिल है दानी का बहुत उसके लिये,
कह रहा है तुमसे आ जाओ अचानक मेरे सामने

बहुत ही बेहतरीन...

Udan Tashtari said...

तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...


बेहतरीन!!

मोहन वशिष्‍ठ said...

फिर भी फरमाइश किया है उसको मेरी जान ने
और किया बदनाम दानी को है उसके काम ने

बहुत ही खूबसूरत सीमा जी बधाई हो अब तक मैं वैसे किशोर दा को सुनता रहा हूं और पढने में आपको

Dr. Ravi Srivastava said...

कितने ख्वाबों को बुना है इस दिले नाकाम ने...
तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...
nice expression

Advocate Rashmi saurana said...

तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...
याद करने को नहीं आता है दिल दुःख के वह दिन,
और क्यों तमको नहीं लिखा है मेरे नाम ने....
bhut sundar.

kshama said...

Rachana to khair sundar haihee! Lekin aap ek saal se kahan kho gayeen hain?

Patali-The-Village said...

बहुत ही बेहतरीन|

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

सीमा जी


जब भी आपके यहां आता हूं , बस … आपके अश्'आर में डूब जाता हूं…


तेरे आने की ख़बर हैं दिल में जागी है उमंग,
कितने दीपक ला जला डाले हैं मेरी शाम ने...


बहुत ख़ूब ! आपकी क़लम के मुरीद हैं हम …

हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

- राजेन्द्र स्वर्णकार

Rakesh Kumar said...

बेहतरीन
लाजबाब
कमाल की प्रस्तुति.

इस अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.

मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.

Sanju said...

बहुत ही बेहतरीन