Monday, October 7, 2013

वो भी अब भूलने लगा मुझको

"अपनी तन्हाइयों की महफ़िल में 
जाने किस से कलाम करती हूँ 
वो भी अब भूलने लगा मुझको 
मैं भी किस्सा तमाम करती हूँ "

-------------------------

"Apni tanhaiyo'n ki mehfil mein
jane kisse kalaam karti hoon
Vo bhi ab bhoolne lagaa mujhko
mai bhi qissa taman karti hoon"

1 comment:

ताऊ रामपुरिया said...

किस्सा तमाम करना तो सब्र का पैमान टूटना हो जायेगा?
नायब शेर, शुभकामनाएं.

रामराम.