Tuesday, July 9, 2013

"है तो सदा बुलंद मगर क्यूँ सुनायी दे "

"है तो सदा बुलंद मगर क्यूँ सुनायी दे 
कानो पे हाथ रखे जो कोई खड़ा रहे "
"Hai to sadaa buland magar kiyun sunaayee de
Kaano pe haath rakhhe jo koi khada rahey"

2 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

खूबसूरत कथ्य, जो सटीक बात कह रहा है, शुभकामनाएं.

रामराम.

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

साधुवाद योग्य लाजवाब अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई