" रोक लेती हूँ क़दम खुद ही ग़लत राहों से ,
ऐसा लगता है कोई मुझसे बड़ा है मुझमें"
ऐसा लगता है कोई मुझसे बड़ा है मुझमें"
"Rok leti hoon kadam khud hi galat raho'n se
aisa lagta hai koi mujhse bada hai mujh mein"
aisa lagta hai koi mujhse bada hai mujh mein"
1 comment:
बहुत ही लाजवाब, जब ऐसे भाव पैदा होने लगे तब आत्मज्ञान जाग्रत होने की निशानी है, बहुत ही सुंदर.
रामराम.
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