Wednesday, February 24, 2010

"मुझे अपनाया है"




"तुम ने मुझे अपनाया है"
" और"
मेरी कायनात को .............
मेरी खुशी को गम को,
"और"
मेरी हयात को.......
अब तो खुशी से,
जीना भी आसान हो गया ....
"तुम ने"
जो अपना हाथ दिया मेरे हाथ को ".........

35 comments:

Sajeev said...

beautiful

Nitish Raj said...

सुंदर...अति उत्तम।।।।

रंजू भाटिया said...

बहुत सुंदर लगी यह

मोहन वशिष्‍ठ said...

बेहतरीन रचना उम्‍दा

नीरज गोस्वामी said...

लेकिन "तुम" आयीं जीवन में, " हम सब बोझा तार गये "
वाह...वा..ऐसा भी होता है जीवन में.
नीरज

Birds Watching Group said...

gajab kahi

'sakhi' 'faiyaz'allahabadi said...

Seema ji,
kisi ka ho jane ki sukhad ghatna kum logaon ko muyasser aati hai."yeh zindigi usee ki hai jo kisi ka ho gaya , pyar hi mein kho gaya"............kavita mein ek shukraguzaari ka bhav hai jo prem bhav ko char chand laga raha hai. Seema ji ,aap nay kitnee saadgee se kitni aasaanee se lekin tremendous effects rakhti huee kavita ko kaghaz per apnee chunida aur khoob mel khaati huee tsweeron ke saath utara hai ................hats off to you.

Udan Tashtari said...

कुछ दिन बाहर था. बहुत सुन्दर गीत पढ़ने मिला लौट कर..आभार.

राजीव रंजन प्रसाद said...

प्रशंसनीय क्षणिकायें..


***राजीव रंजन प्रसाद

अभिन्न said...

"तुम ने मुझे अपनाया है"
" और"
मेरी कायनात को .............
मेरी खुशी को गम को,
"और"
मेरी हयात को.......
अब तो खुशी से,
जीना भी आसान हो गया ....
"तुम ने"
जो अपना हाथ दिया मेरे हाथ को ".........
कबीले तारीफ है ..बार बार कहने को सुनने सुनाने को मन करता है.. कमेन्ट लिखते हुए भी बार बार इन्ही को दोहरा रहा हूँ

अभिन्न said...

हाथ में हाथ लिए हुए चित्र ने मुग्ध कर दिया सीमा जी
इसके लिए +10

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

बहुत सुंदर कविता.....

जीना भी आसान हो गया ....
"तुम ने"
जो अपना हाथ दिया मेरे हाथ को ".........

इन पंक्तियों ने दिल को छू लिया.....

Regards....

निर्मला कपिला said...

तुम ने मुझे अपनाया है"
" और"
मेरी कायनात को .............
मेरी खुशी को गम को,
"और"
मेरी हयात को.......
अब तो खुशी से,
जीना भी आसान हो गया ....
सीमा जी आप अपने एहसास और अनुभूतियों को सुन्दर शब्दों मे बान्ध कर पाठक के दिल तक उतार देती हैं । लाजवाब शुभकामनायें

Anonymous said...

अच्छी रचनाएँ

दिगम्बर नासवा said...

गहरे एहसास में डूब कर लिखी रचना .... लाजवाब ...

Mithilesh dubey said...

बहुत ही सुन्दर व उम्दा कविता ।

Udan Tashtari said...

आज फिर यह ब्लॉगवाणी पर उगी..फिर मुखरित हुई अहसासों की बानगी.

Arvind Mishra said...

मेरी पसंद (श्रृंगार का संयोग पक्ष )

Anonymous said...

holi hai...

beutiful expression

excuse me
it is a holi dhamaal

akhir becharaa maaraa gaya
tham ke hath
apnaya sirf tumhe bhar nahi
thame gam aur hayaat
ab holi ke rang me jaa dubega vo
samhalnaa ye uski hai kaaynaat....

best wishes on holi

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

Seema ji,
HOLI par hardik mangalkamnaye sweekariye.
Behad khoobsoorat hai aapka blog ek shabd hai nayanabhiram wahi hai aapka blog bhi.Sunder kavyatmak pictures kaise laga leti hai aap itne sahi sthan par,jo bhi ho meri dua kubool keejiye nirantar likhte rahne ki.
sader ,
dr.bhoopendra
jeevansandarbh.blogspot.com

Akshitaa (Pakhi) said...

बेहतरीन लिखा आपने ...खूबसूरत रचना !!
______________

"पाखी की दुनिया" में देखिये "आपका बचा खाना किसी बच्चे की जिंदगी है".

شہروز said...

इस भागम-भाग के समय आप कैसे इतनी प्यारी शायरी कर लेती हैं, निसंदेह चकित करने वाली बात है.

SAMEER said...

Namaste , Present memmmmmmmmmmmmm

पूनम श्रीवास्तव said...

wah!bahut hi badhiya lagi aapaki post,badhai.
poonam

"अर्श" said...

virah ke rang ke liye dhero badhaayee seema ji ....
jis tarah se aapne gulon se ek pura gulishtaan banaya hai is kitaab ke jariye... iske liye dhero badhaayeeyaan aur shubhkamamanayen....
mere liye savrpratham pahali pushtak ka order hai aur saath me aapka hastaakshar bhi chahiye... :)
badhaayee fir se is kamayaabi ke liye...


arsh

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत सुन्दर लिखा है..


-----------------------------------
'पाखी की दुनिया' में जरुर देखें-'पाखी की हैवलॉक द्वीप यात्रा' और हाँ आपके कमेंट के बिना तो मेरी यात्रा अधूरी ही कही जाएगी !!

kunwarji's said...

बहुत सुंदर लगी यह
अच्छी रचनाएँ...

Asha Joglekar said...

बहुत सुंदर सीमाजी । प्रेम में समर्पण कितना ऊँचा है ।

Akanksha Yadav said...

सुंदर...अति उत्तम !!

अनामिका की सदायें ...... said...

pehli baar apke blog par aayi..apko padha, apko jana aur har ek jazbat u laga jaise kuchh mere hi dil k bhaavo ko aapne shabd de diye ho. bahut sunder.

ओम पुरोहित'कागद' said...

सीमा जी
कहां है सीमा
अभिव्यक्ति की
मैँ तो न नाप पाया
न भांप पाया
बस
आपके ब्लाग पर
क्रशर घुमाता हुआ
अपना सर घुमा बैठा।
अभी यहां
सफर है अधूरा
फिर आऊँगा
बहुत कुछ है
अपना सा यहां।
शायद ताक़त है
शब्दोँ की
जो देती है
निमंत्रण मुझे!
*सुन्दर रचाव के लिए बधाई!

Anonymous said...

sundar...
bahut hi behtareen rachna ke liye badhai...
yun hi likhte rahein...
ummeed hai mere blog par bhi aapke darshan honge...
http://i555.blogspot.com/

kshama said...

Aksar padhti rahti hun..alfaazon ki kami rahti hai,kuchh kah nahi pati..!
Pustak vimochan bahut mubarak ho!

Pawan Kumar said...

बहुत सुन्दर गीत

Anonymous said...

very nice site