Friday, June 18, 2010

"जूनून-ऐ-इश्क"




"जूनून-ऐ-इश्क "

जूनून की बात निकली है तो मेरी बात भी सुन लो,

जूनून-ऐ-इश्क सच्चा है तो फिर हारा नहीं करता


मुक़द्दस है जगह वो क्यूंकि घर माशूक का है वो,

कोई मजनूँ कभी भी अपना दिल मारा नहीं करता


तजस्सुस यह के वोह बोलेगा सच या झूट बोलेगा

जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता


वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,

हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता


http://vangmaypatrika.blogspot.com/2008/09/blog-post_7453.html

28 comments:

dpkraj said...

क्या बात है? बहुत बढि़या
दीपक भारतदीप

डॉ .अनुराग said...

जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता

bahut khoob.....par ab kise fursat itni ki kais sa deevanapan laye.fikre duniya me uljh gaya hai in dino kais bhi..

बरेली से said...

कभी - कभी महका जाती हैं,
कभी - कभी बहका जाती हैं,
कभी अंधेरे सूने मन में,
दीपक बन कर आ जाती हैं,
कभी हंसातीं कभी रुलातीं,
आंसू बन कर आ जाती हैं,
जीने को जब लगे जरुरी,
धड़कन बन कर आ जाती हैं,
यादों का अब कौन भरोसा,
बिन चाहे भी आ जाती हैं।

बरेली से said...

aapke doosre blog par yaadon se sambandhit ek kavita padhi, shabd nahin mile comment ke liye isliye char line post kar di

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत अच्छे ! सुन्दरतम !

makrand said...

वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,
हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता
सिर्फ़ एक शब्द ... बेमिसाल !

Anil Pusadkar said...

wah,kya bat hai

राज भाटिय़ा said...

सीमा जी ओरो का तो पता नही मॆ जब भी किसी काम को करना चाहता हु तो बस एक जनून सवार हो जाता हे, ओर जब तक काम पुरा ना हो मुझे ना नींद आती हे, ओर ना ही कुछ अच्छा लगता हे.
ओर मेरे बच्चो को भी यही आदत पड गई हे, अब इसे पागलपन कहे या इश्क...
आप की कविता बहुत ही अच्छी लगी.
धन्यवाद

seema gupta said...

thanks to all readers for sparing precious time n droping valuable comments suggestions n encouragement. With Regards

Anonymous said...

straight & attaking

see fights

vipinkizindagi said...

बहुत बढि़या

मोहन वशिष्‍ठ said...

जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता
वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,
हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता

वाह जी वाह आज तो लगता है लैला मजनूं भी कैद कर दिए गए

Anonymous said...

बसती है लैला मजनूं के दिल में ही,
रहे कहां और लैला,
जगह मिलेगी ऐसी और कौन सी,
दिल पाना मजनूं सा कोई खेल नही।

makrand said...

वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,

हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता

long wait
regards

Mukesh Garg said...

wah wah seema ji kiya kuhb likha hai,





वो मजनू है और उसके दिल में ही है बसी लैला,

हर एक हूरे नज़र पर अपना दिल वारा नहीं करता

Asha Joglekar said...

इश्क के जुनूँ को क्या खूब गज़ल में ढाला है आपने ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

इश्क के जुनून को बहुत खूबसूरती से उकेरा है आपने।
एक रिक्वेस्ट है, कृपया फाँट साइज थोड़ा बडा कर लें, पढने में दिक्कत होती है।
................
अपने ब्लॉग पर 8-10 विजि़टर्स हमेशा ऑनलाइन पाएँ।

Anonymous said...

well ranjeeta @ rishi kapoor at the haed of the post brought me in surprise

Aruna Kapoor said...

तजस्सुस यह के वोह बोलेगा सच या झूट बोलेगा



जूनून में रह के कोई काम यह सारा नही करता

.......दिल छू लेने वाला अंदाज है आपका सीमा जी!...'विरह के रंग' पुस्तक विमोचन के लिए बहुत बहुत बधाई!... मै यह पुस्तक जरुर पढूंगी!

निर्मला कपिला said...

जनूने इश्क भी क्या क्या नही करता
किसे ये बख्शता किस को फना नही करता\अपकी कलम् मे जादू ह। जनून तक भावों को समेटने का प्रयास बहुत अच्छा है। बधाई

Akshitaa (Pakhi) said...

यहाँ आकर तो बहुत अच्छा लगा....
***********************

'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

kumar zahid said...

जूनून की बात निकली है तो मेरी बात भी सुन लो,
जूनून-ऐ-इश्क सच्चा है तो फिर हारा नहीं करता
मुक़द्दस है जगह वो क्यूंकि घर माशूक का है वो,
कोई मजनूँ कभी भी अपना दिल मारा नहीं करता


badi ppakeezgee k sath khenchi gayee tasveeretasavvurat hai --
behatar

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

सॉरी! मैं लेट हो गया.... ग़ज़ल रुपी यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी....


रिगार्ड्स...

Unknown said...

bahut khubsurat hi

u tube par aap ki kavita

http://healthgyancafe.blogspot.com

Akshitaa (Pakhi) said...

आप बहुत अच्छा लिखती हैं..बधाई.
________________________
'पाखी की दुनिया' में 'लाल-लाल तुम बन जाओगे...'

युवा भारत said...

क्या बात है बहुत सुन्दर पढ़ कर अच्छा लगा

manu said...

bahut khoobsoorat likhaa hai...

Anonymous said...

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