तुम मुझ से बोलती रहीं ...चुप चाप यूँही बस,
जख्मो पे हाथ फेरती चुपचाप यूँ ही बस
क्यों लग रहा है दिल को तुम हो आसपास ही ,
आ जाओ मेरे सामने ... चुप चाप यूँ ही बस.
कुछ तो ज़रूर है जो हमे हो रहा है यूं,
तुम ही ज़रा बताओ ना ... चुप चाप यूँ ही बस.
तुमको भी क्या वही हुआ जो हमको हो गया,
खामोश इंकलाब सा ...चुप चाप यूँ ही बस.
अब तक कहाँ थी क्यों नहीं मुझको मिली कभी ,
मैं सोचता ही जा रहा ...चुप चाप यूँ ही बस.........
18 comments:
dekhna ummeed ka chiraagh na bujhnay payay
warna imkan ki dunia mein andhera hoga
ek diya dil ka jalaayay huay baitha dani
uska deedar jo hoga to savera hoga
bahut khoobsoorat..........
"aradhika jain"
very touching yaar.......you are superb......
Rakesh Verma
क्यों लग रहा है दिल को तुम हो आसपास ही ,
आ जाओ मेरे सामने ... चुप चाप यूँ ही बस.
bhut gahari. sundar. likhati rhe.
यूं ही बस चुप चाप कमेंट कर रहा हूं सुंदर
क्यों लग रहा है दिल को तुम हो आसपास ही कहीं,
आ जाओ मेरे सामने ... चुप चाप यूँही बस.
अगर सामने आ जाये तो यह कविता लिख पाना मुश्किल हो जायेगा . कविता अच्छी है .
Firoz Ahmad
तुमको भी क्या वही हुआ जो हमको हो गया,
खामोश इंकलाब सा ...चुप चाप यूँ ही बस.
अब तक कहाँ थी क्यों नहीं मुझको मिली कभी ,
मैं सोचता ही जा रहा ...चुप चाप यूँ ही बस.........
bahot hi sundar likha he aapne
"yu hi bus'
bahut khubsorat seema ji
baitha hun chupchaap bas
likh diya yun hi bas
pata hai milogi kabhi na kabhi
hun isi liye chupchaap bas
jis din kah diya jubaan se
hoga fir inklaab bas
kya kahun ab baithana lag rahaa thik chupchaap bas
बहुत खूब. बहुत बढिया.
तुमको भी क्या वही हुआ जो हमको हो गया,
खामोश इंकलाब सा ...चुप चाप यूँ ही बस.....
इन लाइनों पर खास ध्यान के साथ हर लाइन खूबसूरत,
उम्दा ,बेजोड़ .
दिल को छू लेने वाले लफ़्ज़ों के साथ बहुत खूबसूरत कविता.........
Regards....
बहुत सुन्दर लिखा है आपने ..बेहतरीन अभिव्यक्ति शुक्रिया
तुमको भी क्या वही हुआ जो हमको हो गया,
खामोश इंकलाब सा ...चुप चाप यूँ ही बस
वाह सीमा जी बहुत खूब सुन्दर रचना के लिये बधाई
भावनात्मक उद्गगार वाली रचना
प्रशंसा कर रहा हूं ,चुपचाप यूं ही बस
ऐसा लगता है जैसे ये कविता मैंने लिखी हो ...कवि किस तरह समष्टि से जुड़ता है ऐसी सहज संवाद करती रचनायें उदाहरण बन जाती है.
yuhin bas nahi, sundar kavita kahee hai aapne.
आपकी कविताओं को पढ़के कहीं खो गया...चुपचाप बस..
Post a Comment