
"तेरा ना होना"
तेरा ना होना
सर्पदंश सा विषैला
सांसे भरता
"जीवित "
एक अभिशाप
ज़बान पे कितने सवाल हैं अब ,
उन्ही सवालों की गर्दिशों मे,
न जाने कितने ख़याल हैं अब,
ना जाने क्यूं आत्मा छु गयी है ,
निगाह तुमने जो मुझपे डाली ,
जो दिल हमारा जगमगा गया है,
मोहब्बत-या-रब के कमाल हैं अब,
मेरी तरफ़ को जो आ रहे हैं,
उन रास्तों पर क़दम तो रखो ,
बिछा के रख देंगे रौशनी हम ,
तुम्हारे दानी मशाल हैं अब